Tuesday, 31 October 2017

पंचायती राज व्यवस्था ( Panchayat and Rural Development )

  • लार्ड रिपन को भारत में स्थानीय स्वशासन का जनक माना जाता है ! 
  • भारत के संविधान के नीति निदेशक तत्वों के अंतर्गत अनुच्छेद 40 में यह निर्देश है कि “राज्य ग्राम पंचायतों का संगठन करेगा और उनको एसी शक्तियाँ और प्राधिकार प्रदान करेगा जो उन्हें स्वायत्त शासन की इकाइयों के रूप में कार्य करने के लिए आवश्यक हों. इस निर्देश के अनुसरण में भारत सरकार ने 73वें संविधान (संशोधन) अधिनियम, 1992 द्वारा पंचायतों को संवैधानिक दर्जा प्रदान किया और भाग 9 में इसके लिए उपबंध किया है.संविधान के भाग 9 में अनुच्छेद 243 के अंतर्गत त्रिस्तरीय पंचायती राज व्यवस्था के बारे में उपबंध किया गया है !
  • 2 अक्तूबर, 1952 को सामुदायिक विकास कार्यक्रम तथा 2 अक्तूबर 1953  को राष्ट्रीय प्रसार सेवा कार्यक्रम प्रारंभ किए गए, परन्तु दोनो ही कार्यक्रमों अपेक्षित सफलता नहीँ मिली !
  • सामुदायिक विकास कार्यक्रम की जांच के लिए केंद्र सरकार ने 1957 मेँ बलवंत राय मेहता की अध्यक्षता मेँ एक अध्ययन दल का गठन किया। इस दल ने 1957 के अंत मेँ अपनी रिपोर्ट में सिफारिश की, कि लोकतांत्रिक विकेंद्रीयकरण और सामुदायिक कार्यक्रम को सफल बनाने हैतु पंचायत राज्य संस्थाओं की अविलम्ब शुरुआत की जानी चाहिए। अध्ययन दल ने इसे लोकतांत्रिक विकेंद्रीयकरण का नाम दिया।
  • पंचायती राज का शुभारंभ भारत में 2 Oct. 1959 को भारत के प्रथम प्रधानमंत्री जबाहर लाल नेहरू द्वारा राज्स्थान के नागौर जिले से हुआ !
  • 11 Oct. 1959 को पं नेहरू ने आंध्रप्रदेश राज्य में पंचायती राज का शुभारंभ किया !
  • 73 वां संविधान संशोधन (1992) , जो कि 25 अप्रैल, 1993 से भारत में लागू हुआ , पंचायती राज से संबंधित है !
  • मध्यप्रदेश में 30 दिसंबर 1993 को पंचायती राज अधिनियम विधानसभा में रखा गया व 25 जनवरी 1994 को पारित किया गया और 20 अगस्त 1994 को लागू किया गया !
  • 73 वां संविधान संशोधन द्वारा पंचायती राज संस्थाओं को संवैधानिक दर्जा दिया गया है !
  • 73 वां संविधान संशोधन द्वारा संविधान के भाग – 9 में अनुच्छेद 243 के अंतर्गत 243क से 243ण तक अनुच्छेद जोडे गऐ , तथा एक अनुसुची – 11 जोडी गई ! जो सभी पंचायती राज से संबंधित हैं ! 

पंचायती राज से संबंधित महत्वपूर्ण अनुच्छेद

  • अनुच्छेद 243  परिभाषाएं 
  • अनुच्छेद 243 A ग्राम सभा 
  • अनुच्छेद 243 B ग्राम पंचायतों का गठन 
  • अनुच्छेद 243 C पंचायतों की संरचना 
  • अनुच्छेद 243 D स्थानों का आरक्षण
  • अनुच्छेद 243 E पंचायतों के कार्यकाल या अवधि 
  • अनुच्छेद 243 F सदस्यता के लिए अयोग्यताएं 
  • अनुच्छेद 243 G पंचायतों की शक्तियां ,प्राधिकार और उत्तरदायित्व 
  • अनुच्छेद 243 H पंचायतों द्वारा कर अधिरोपित करने की शक्तियां और उनकी निधियाँ
  • अनुच्छेद 243 I वित्तीय स्थिति के पुनर्विलोकन के लिए वित्त आयोग का गठन
  • अनुच्छेद 243 J पंचायतों की लेखाओं की संपरीक्षा 
  • अनुच्छेद 243 K पंचायतों के लिए निर्वाचन 
  • अनुच्छेद 243 L संघ राज्य क्षेत्रों में लागू होना 
  • अनुच्छेद 243 M इस भाग का कतिपय क्षेत्र में लागू न होना 
  • अनुच्छेद 243 N विद्यमान विधियों और पंचायतों का बना रहना 
  • अनुच्छेद 243 O निर्वाचन संबंधी मामलों में न्यायालयों के हस्तक्षेप का वर्जन

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पंचायती राज व्यवस्था से संबंधित अन्य महत्वपूर्ण Question and Answer

Panchayat and Rural Development

● पंचायती राज का मुख्य उद्देश्य क्या है ?
Answer :- जनता को प्रशासन में भागीदारी योग्य बनाना
● किसकी सिफारिश पर भारत में पंचायती राज व्यवस्था की स्थापना की गई ?
Answer :- बलवंत राय मेहता समिति 
पंचायती राज व्यवस्था किस पर आधारित है  ?
Answer :- सत्ता के विकेंद्रीकरण पर
● संविधान के किस भाग में पंचायती राज व्यवस्था का वर्णन है ?
Answer :- भाग-9
किसके अंतर्गत पंचायती राज व्यवस्था का वर्णन है ?
Answer :- नीति-निर्देशक सिद्धांत
● पंचायती राज संस्थाओं के निर्वाचन हेतु कौन उत्तरदायी है ?
Answer :- राज्य निर्वाचन आयोग
● देश के सामाजिक व सांस्कृतिक उत्स्थान के लिए कौन-सा कार्यक्रम चलाया गया ?
Answer :- सामुदायिक विकास कार्यक्रम
● भारत में सामुदायिक विकास कार्यक्रम कब आरंभ हुआ ?
Answer :- 2 अक्टूबर, 1952
● पंचायती राज की सबसे छोटी इकाई क्या है ?
Answer :- ग्राम पंचायत
● बलवंत राय समिति के प्रतिवेदन के अनुसार महत्वपूर्ण संस्था कौन-सी है ?
Answer :- पंचायत समिति
● पंचायती राज संस्थाओं के संगठन के दो स्तर होने का सुझाव किसने दिया था ?
Answer :- अशोक मेहता समिति
● पंचायत स्तर पर राज्य सरकार का प्रतिनिधित्व कौन करता है ?
Answer :- ग्राम प्रधान
● पंचायती राज विषय किस सूची में है ?
Answer :- राज्य सूची में
● किस संशोधन में महिलाओं के लिए ग्राम पंचायत में एक-तिहाई सीटें आरक्षित की गईं ?
Answer :- 73वें संशोधन में
● पंचायत चुनाव के लिए उम्मीदवार की आयु कितनी होनी चाहिए ?
Answer :- 21 वर्ष
● पंचायती राज संस्थाएँ अपनी निधि हेतु किस पर निर्भर हैं ?
Answer :- सरकारी अनुदान पर
● एक विकास खंड पर पंचायत समति कैसी होती है ?
Answer :- एक प्रशासकीय अभिकरण
● भारत में पहला नगर निगम कहाँ स्थापित हुआ ?
Answer :- चेन्नई
● ग्राम पंचायतों की आय का स्त्रोत क्या है ?
Answer :- मेला व बाजार कर
● पंचायती राज संस्था का कार्यकाल कितना होता है ?
Answer :- 5 वर्ष
● 73वें संविधान संशोधन में पचायती राज संस्थाओं के लिए किस प्रकार के चुनाव का प्रावधान किया गया ?
Answer :- प्रत्यक्ष एवं गुप्त मतदान
● पंचायत के चुनाव हेतु निर्णय कौन लेता है ?
Answer :- राज्य सरकार
● पंचायत समिति की गठन किस स्तर पर होता है ?
Answer :- प्रखंड स्तर पर
● यदि पंचायत को भंग किया जाता है तो पुनः निर्वाचन कितने समय के अंदर आवश्यक है ?
Answer :- 6 माह



Monday, 30 October 2017



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     भारत में पंचायती राज शासन


भारत में ब्रिटीश काल 1880 से 1884 के मध्य लार्ड रिपन का कार्यकाल पंचायती राज का स्वर्ण काल माना जाता है। इसने स्थाई निकायों को बढाने का प्रावधान किया। स्वतंत्रता के बाद भारतीय संविधान के भाग -4 में Article  40 में ग्राम पंचायतों के गठन और उन्होंने शक्तियां का उलेख किया गया है लेकिन इसको संवैधनिक दर्जा नहीं मिला।
इसको सवैधानिक दर्जा 73 वें संविधान सेशोधन 1992 मे मिला 
इसको  ग्याहरवी अनुसूची, भाग -9 व Article  243 में 16 कानून व 29 कार्यो का उलेख किया गया है।
भारत में 1957 – बलवन्त राय मेहता समिति की सिफारिश पर त्रिस्तरीय पंचायती राज का गठन किया गया।
(1)ग्राम स्तर पर ग्रामपंचायत(2) खण्ड स्तर पर पंचायत समिति और(3) जिला स्तर पर जिला परिषद।
2 अक्टूबर 1959 को भारत के प्रथम प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने  राजस्थान के नागौर जिले के बगदरी गांव मे  इसका शूभारम्भ किया।लेकिन पंचायती राज अपेक्षित सफलता प्राप्त नहीं कर पाया।

   इस कारण  1978 में जनता पार्टी की सरकार ने अशोक मेहता समिति का गठन किया इन्होने  द्विस्तरीय पचांयती राज की सिफारिश की।

(1) मण्डल पचांयत (Board Pchanyt)

(2) जिला परिषद (District Council)    तत्कालीन भारत के प्रधानमंत्री राजीव गांधी ने पुन: पंचायती राज के विकास हेतू 64 व 65 वां संविधान संशोधन किया गया लेकिन संसद से पास नहीं हो पाया। तत्कालीन भारत के प्रधानमंत्री राजीव गांधी  के काल को आधूनिक पंचायति राज का स्वर्णकाल कहा जाता है।

भारत के 73 वें संविधान संशोधन द्वारा 24 अप्रैल 1993 को इस संवैधानिक पंचायती राज दर्जे को सम्पूर्ण भारत में लागू किया।

भारत में हर वर्ष  24 अप्रैल को पंचायती राज दिवस मनाया जाता है।

राजस्थान में पंचायती राज  23 अप्रैल 1994 से लागू किया गया।

पंचायती राज के सवैधानिक प्रावधान तथा राजस्थान पंचायती राज अधिनियम – 1994

विषय – राज्य सुची के अन्तर्गत उलेख किया गया है

Article  – 243 पंचायती राज का प्रावधान का उलेख किया गया है

Article  243(A) ग्राम सभा का प्रावधान (राजस्थान में सन 2000 में स्थापना)  का उलेख किया गया है।

लोक तन्त्र की सबसे छोटी संवैधानिक इकाई पंचायती राज को माना गया है ।       इसकी बैठक एक वर्ष में दो बार आवश्यक होती है

राजस्थान में 6 बैठक – 26 जनवरी, 8 मार्च, 1 मई, 15 अगस्त, 20 अक्टुबर, 14 नवम्बर का उलेख किया गया है।

Article  243(B) त्रिस्तरीय पंचायती राज।Article 243(D) आरक्षण का प्रावधान का उलेख किया गया है।

महिलाओं को 1/3 व एस. सी. व एस. टी. को जनसंख्या के अनुपात में ।
   राज्य निर्वाचन आयोग का प्रावधान

इसकी स्थापना – 1994 मे की गयी थी

इसकी नियूक्ति – राज्यपाल द्वारा की जाती है 

इसका कार्यकाल – 65/5 वर्ष जो भी पहले हो।

इसका त्यागपत्र – राज्यपाल को दिया जाता है 

इसका कार्यकाल से पूर्व हटाने का अधिकार – राष्ट्रपति को होता है 

प्रथम – अमर सिंह राठौड़।      
    राज्य वित्त आयोग का प्रावधान

इसकी नियूक्ति – राज्यपाल द्वारा की जाती है ।

इसका कार्यकाल – 5 वर्ष।

इसका त्यागपत्र – राज्यपाल को दिया जाता है  ।

कार्यकाल से पूर्व हटाने का अधिकार – राष्ट्रपति को होता है  

प्रथम – के. के. गोयल(कृष्ण कुमार)।

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